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स्वस्थ रहने के अन्य तरीके||Health Tips

 इस लेख में स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी दी गई है.जोकि आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी.

1. तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए कितना प्रभावशाली है त्रिकोणासन

2. इंसुलिन रेजिस्टेंस का जोखिम किन लोगों में ज़्यादा है ?

इंसुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपका शरीर ऊर्जा के लिए आवश्यक ग्लूकोज़ का प्रभावी रूप से उपयोग नहीं कर पाता। इस अवस्था से निपटने के लिए पैंक्रियाज इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ा देता है। इंसुलिन का कार्य ग्लूकोज़ को ऊर्जा प्राप्ति के लिए कोशिकाओं में पहुंचाना है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण होने वाले जोखिमों को जानें

वज़न अधिक होना

3. क्या आपको सोशल मीडिया एडिक्शन है ?

यदि आप 5 या उससे अधिक लक्षणों पर चिह्न लगाते हैं तो अत्यधिक संभावना है कि आपको सोशल मीडिया एडिक्शन है।

सोशल मीडिया एडिक्शन से मुक्त हों !!

क्या आप सोशल मीडिलगा चुके है ? आप सदैव नोटिफिकेशन देखने को “आप सोशल मीडिया पर घट रही घटनाओं पर नज़र रखने के लिए उत्सुक रहते हैं।

सुबह नींद खुलने के बाद आपका पहला काम मोबाइल को उठाना होता है। वही मोबाइल आपको रात भर जगाए रखता है। आप नकारात्मक समाचार तथा वीडियो की तरंगों को झेलते हैं जो आपकोभटकाती रहती हैं। आपकी उत्पादन क्षमता बहुत बुरी तरह से प्रभावित होती है। चिंता, अवसाद और अनिद्रा से आप परेशान रहने लगते हैं।

सोशल मीडिया डिटॉक्स का अभ्यास कीजिए। सोशल मीडिया के हर पहलू से एक लंबी छुट्टी लेने की कोशिश कीजिए।
यदि यह आपको असंभव लगता है तो सोशल मीडिया पर कम से कम समय बिताएं।
'साइबर साइकोलॉजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किंग'में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार एक सप्ताह के लिए सोशल मीडिया से दूर रहना प्रभावी 
रूप से चिंता,अवसाद और समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

4. जोड़ों के दर्द के मरीज़ इन 7 टिप्स का अनुसरण करें

प्राकृतिक चिकित्सा जोड़ों के दर्द के लिए अत्यंत प्रभावी हो सकती है क्योंकि यह मूल कारणों को लक्ष्य करती है,वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के।

आज कल के बच्चे काफी होशियार और विद्रोही प्रकृति के हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि माता-पिता को वैज्ञानिकों के जैसा दिमाग और संतों की तरह धैर्य रखने की आवश्यकता है। हम अपने बच्चों को गुमराह नहीं होने दे सकते। हमें उन्हें सुधारने की ज़रूरत है। इन तीन नियमों (3C) का पालन उपयोगी हो सकता है…..

5. अत्यधिक सोच से अपने दिमाग को मुक्त करें !!

सोचना एक वास्तविक संज्ञानात्मक प्रक्रिया है जो हमें निर्णय लेने, नई खोज करने में हमारी मदद करता है। जैसे किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती, वैसे अधिक सोचना भी ठीक नहीं। अधिक सोचने की प्रवृत्ति पर आप कैसे रोक लगाएंगे ?

निम्न नियमो का अनुसरण करें, अपने 20% अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को प्राथमिकता दें और 80% परिणाम के लिए इसे पहले करें।

6. स्वयं नियंत्रित करने के सरल उपाय !!

क्या आपको चिंता करने की आदत पड़ गयी है ? क्या आप बार-बार चिंतित हो जाते हैं ? क्या अक्सर घबराहट आपसे आपका सुकून छीन लेती है ? यदि आपका जवाब हां है तो इन सहज टिप्स को मानें…..

7. भावनात्मक रूप से टूटने से बचने के लिए आपका सुरक्षा कवच क्या है ?

कभी-कभी व्यक्ति अपनी आवेगपूर्ण भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए बहुत संघर्ष करता है। भावनाओं का यह चक्र काफी समस्याएं उत्पन्न करता है। क्या आप भी इस तकलीफदेह परिस्थिति से बाहर निकलने को इच्छुक हैं ?

भावनात्मक रूप से टूटने से खुद को बचाएं

8. ब्रोकेन हार्ट सिन्ड्रोम में सुधार कैसे लाएं ?

ब्रोकेन हार्ट सिन्ड्रोम एक ऐसी स्थिति है जब हम किसी गंभीर मानसिक स्थिति, तनाव या प्रेम में असफलता का सामना नहीं कर पाते। यह सत्य है कि बिना प्रेम और देख-भाल वाले संबंध के मनुष्य संतुष्ट जीवन जीने में असफल हो जाता है। उसके पास मौजूद सारी सुविधाएं व्यर्थ हो जाती हैं। जब आप अपने प्रियतम के प्रति स्नेह दर्शाते हैं, स्पर्श या प्रेम करते हैं तो आपका शरीर ऑक्सिटोसिन जिसे लव हार्मोन भी कहा जाता है, उसका स्राव करता है। ऑक्सिटोसिन प्रदाह को कम कर एवं फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर हृदय की मांसपेशियों की मरम्मत में मदद करता है। ऑक्सिटोसिन ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को कम कर हृदय की रक्षा कर सकता है।

चरम भावावेश या विनाशकारी परिस्थितियों की प्रतिक्रिया स्वरूप ब्रोकेन हार्ट सिन्ड्रोम की उत्पत्ति होती है। इन घटनाओं के पीछे असफल रिश्ते, प्रियजन का वियोग या अपने नज़दीकी लोगों से तर्कपूर्ण बहस हो सकती है।

क्यों बढ़ रहा है ब्रोकेन हार्ट सिन्ड्रोम ? लंबे समय से जारी अत्यधिक दुख या तनाव हृदय में निम्न परिवर्तन लाते हैं…

9. स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम के आश्चर्यजनक फायदे

10. ऑटोफेजी को सक्रिय बनाएं बीमारियां रहेंगी दूर !!

क्षतिग्रस्त और अस्वास्थ्यकर कोशिकाओं को शरीर के द्वारा खुद खाने की प्रक्रिया ऑटोफेजी कहलाती है। हालिया रिसर्च से साबित हुआ है कि ऑटोफेजी कैंसर सेल्स के विकास को रोक सकती है। यह कई अन्य क्रॉनिक डिज़ीज़ की संभावना को कम कर सकती है। ऑटोफेजी की प्रक्रिया को उत्तेजित करने के लिए ये निम्न कार्य करें…

11. क्या हैं घुटने में दर्द की वजहें ?

घुटने हमें सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परन्तु जब घुटनों में तकलीफ बढ़ती है और चलना-फिरना मुश्किल होने लगता है तो ज़िंदगी परेशानियों से घिर जाती है। आइये जानते है इनकी समस्या के कारण :

पेनकिलर्स से परहेज़ करें। प्राकृतिक चिकित्सा बिना किसी साइड इफेक्टके घुटनों के दर्द को दूर कर सकती है।

12. कैसे होंगी हड्डियां स्वस्थ और मज़बूत ?

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